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किश्तवाड़ हादसा: दो दिन से नहीं मिला कोई जिंदा, अब तक 68 की मौत — डॉक्टर बोले "उम्मीद लगभग खत्म हो चुकी है"

किश्तवाड़ हादसा: दो दिन से नहीं मिला कोई जिंदा, अब तक 68 की मौत — डॉक्टर बोले "उम्मीद लगभग खत्म हो चुकी है"

📍 किश्तवाड़, जम्मू-कश्मीर |

📅 21 अगस्त 2025

✍️ रिपोर्ट: पुरक चैनल न्यूज़ डेस्क

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले के चिसोती गांव में बादल फटने और भूस्खलन से हुई तबाही के बाद हालात अब भी भयावह बने हुए हैं।

राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है, लेकिन पहले दो दिनों के बाद किसी को भी ज़िंदा नहीं निकाला जा सका है।

अब तक 68 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 72 लोग अभी भी लापता हैं। अधिकारियों का कहना है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है।

तबाही का मंजर

15 अगस्त की सुबह चिसोती में बादल फटने से नदी उफान पर आ गई।

तेज़ बहाव ने पूरे गांव को अपने साथ बहा दिया — घर, पुल, दुकानें, लंगर और गाड़ियां सब मिट्टी में दफ्न हो गए।

स्थानीय डॉक्टरों और राहतकर्मियों ने बताया कि “अब एक पूरा शव मिलना भी राहत की बात लगती है”।

अथोली सब-डिस्ट्रिक्ट अस्पताल में शवों और शरीर के अंगों की पहचान का सिलसिला जारी है।

डॉक्टर राकेश कोतवाल ने बताया —

> “हम अब तक जितने पूरे शव मिले हैं, उतने ही शरीर के कटे हुए अंग भी मिले हैं। यह मंजर किसी युद्ध जैसा है।”

डॉक्टरों की बेबसी

डॉक्टर शौकत पर्रे ने बताया कि

> “आखिरी घायल व्यक्ति हमें 16 अगस्त को मिला था। उसके बाद सिर्फ शव और शरीर के अंग आ रहे हैं। अब किसी के ज़िंदा बचने की उम्मीद नहीं है।”

पानी कम होने के बाद और शव मिलने लगे हैं

कई शव इतनी बुरी तरह से क्षत-विक्षत हैं कि डीएनए जांच के बिना पहचान संभव नहीं।

हादसे के वक्त पुल पर 100 से ज्यादा लोग थे

डॉक्टर देवेंद्र कुमार के अनुसार, हादसे के वक्त करीब 350-400 लोग लंगर में और लगभग 100 लोग नदी पर बने पुल को पार कर रहे थे।

बाढ़ ने सब कुछ बहा दिया।

स्थानीय लोगों के मुताबिक —

> “कुछ लोग तो सिर्फ चीखों की आवाज़ सुन पाए, उसके बाद बस पानी और अंधेरा रह गया।”

बढ़ सकता है मौत का आंकड़ा

राहत टीमों ने अब तक 68 शव बरामद किए हैं, लेकिन 72 लोग अभी भी लापता हैं।

प्रशासन ने NDRF, SDRF और सेना की टीमें राहत कार्य में तैनात की हैं।

हालांकि, भूस्खलन और लगातार बारिश के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन बेहद मुश्किल हो रहा है।

पुरक चैनल की संवेदना

> “किश्तवाड़ की ये त्रासदी सिर्फ एक हादसा नहीं, एक पूरी बस्ती का अंत है।”

हर तस्वीर, हर कहानी दर्द से भरी है।

पुरक चैनल इस भीषण त्रासदी में जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता है।

हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि सभी प्रभावित परिवारों को इस असहनीय दर्द को सहने की शक्ति मिले। 🙏

📢 रिपोर्टिंग बाय – पुरक चैनल (Purak Channel)

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