Ad Code

Responsive Advertisement

जौनपुर में भीषण सड़क हादसा: रोडवेज बस और ट्रक की आमने-सामने टक्कर, 5 की मौत, 18 से अधिक घायल

 जौनपुर, उत्तर प्रदेश | 13 अगस्त 2025

जौनपुर जिले के खेतासराय थाना क्षेत्र में मंगलवार रात एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे इलाके को दहला दिया। गुरैनी पेट्रोल पंप के पास उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) की एक रोडवेज बस और ट्रक की आमने-सामने हुई टक्कर में 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 18 से 24 के बीच लोग घायल हुए हैं। मृतकों में दो महिलाएँ, दो पुरुष और एक मासूम बच्ची शामिल है। यह हादसा रात लगभग 10:30 बजे हुआ, जब सड़क पर वाहनों की आवाजाही अपेक्षाकृत कम थी, लेकिन बस तेज रफ्तार में थी।

कैसे हुआ हादसा?

प्रारंभिक पुलिस जांच और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रोडवेज बस वाराणसी से जौनपुर होते हुए लखनऊ की ओर जा रही थी। बस में लगभग 35 यात्री सवार थे। जैसे ही बस गुरैनी पेट्रोल पंप के पास पहुंची, चालक ने अचानक गलत लेन में वाहन मोड़ लिया। सामने से तेज रफ्तार में आ रहा एक ट्रक बचने का प्रयास भी नहीं कर सका और दोनों वाहनों की भीषण टक्कर हो गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बस का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और कई यात्री भीतर फंस गए।

स्थानीय लोगों का कहना है कि बस चालक ने शायद ओवरटेक करने की कोशिश की थी और इसी दौरान यह हादसा हुआ। हालांकि पुलिस ने इस बारे में आधिकारिक पुष्टि नहीं की है और मामले की जांच जारी है।

घटना के तुरंत बाद का दृश्य

टक्कर के बाद आसपास का माहौल चीख-पुकार से भर गया। प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि बस के अंदर बैठे यात्री दर्द से कराह रहे थे। स्थानीय लोग और पेट्रोल पंप के कर्मचारी सबसे पहले मदद के लिए दौड़े और घायलों को बाहर निकालने की कोशिश की। लेकिन बस के अगले हिस्से में फंसे लोगों को निकालने में काफी समय लग गया, क्योंकि वाहन का ढांचा मुड़ गया था।

सूचना मिलते ही खेतासराय थाने की पुलिस और दमकल विभाग मौके पर पहुंचा। जेसीबी मशीन की मदद से बस का अगला हिस्सा काटकर यात्रियों को बाहर निकाला गया।

मौत और घायल

पुलिस और प्रशासन ने पुष्टि की है कि इस दुर्घटना में कुल 5 लोगों की मौत हुई है। मृतकों में शामिल हैं:

  • शिवानी देवी (35) – वाराणसी निवासी
  • राजेश कुमार (42) – लखनऊ निवासी
  • रजनी (28) – जौनपुर निवासी
  • अज्ञात पुरुष (लगभग 40 वर्ष) – पहचान जारी
  • आर्या (6 वर्ष) – प्रतापगढ़ निवासी

घायलों की संख्या को लेकर अलग-अलग रिपोर्ट हैं। कुछ समाचार स्रोतों के अनुसार 18 यात्री घायल हुए हैं, जबकि अन्य के मुताबिक यह संख्या 24 तक है। घायलों को नजदीकी खेतासराय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जौनपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कई की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें वाराणसी के बीएचयू ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया है।

प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई

जौनपुर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक रात में ही घटनास्थल पर पहुंचे। जिलाधिकारी ने अस्पताल में जाकर घायलों से मुलाकात की और बेहतर इलाज का भरोसा दिलाया। हादसे की वजह जानने के लिए जांच कमेटी गठित की गई है। प्रारंभिक जांच में चालक की गलती सामने आई है, लेकिन यह भी देखा जा रहा है कि कहीं सड़क की स्थिति, सिग्नलिंग या रोशनी की कमी तो कारण नहीं बनी।

पुलिस ने बस चालक के खिलाफ लापरवाही से मौत का मामला (IPC धारा 304A) दर्ज किया है। चालक गंभीर रूप से घायल है और उसका इलाज भी चल रहा है।

प्रत्यक्षदर्शियों की कहानी

राहुल यादव, जो हादसे के समय अपने वाहन से गुजर रहे थे, ने बताया—
"मैंने बस को अचानक दाईं ओर मुड़ते देखा। सामने से ट्रक आ रहा था, लेकिन टक्कर से बचने का कोई मौका नहीं था। आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के लोग दौड़ पड़े। कुछ लोग बस के शीशे तोड़कर यात्रियों को बाहर निकालने लगे।

मोहम्मद सिराज शेख

बस के करीब 10-20 मीटर पीछे था। पहले तो बस अपनी रफ्तार से चल रही थी, फिर अचानक दाईं ओर चलने लगी, जिससे यह दिल दहला देने वाली घटना हुई। जिसके बाद मोहम्मद सिराज ने अपने कुछ दोस्तों को बुलाकर लोगों को बाहर निकाला। कुछ लोगों का कहना है कि ट्रक पहले ही किसी बुलेरो को टक्कर मारकर आ रहा था।

एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हादसे के समय सड़क पर अंधेरा ज्यादा था और दोनों वाहन तेज रफ्तार में थे।

पृष्ठभूमि: जौनपुर में सड़क हादसों की स्थिति

जौनपुर जिला राष्ट्रीय और राज्य मार्गों से जुड़ा है, जहां भारी वाहन और लंबी दूरी की बसें लगातार चलती हैं। ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन और ओवरस्पीडिंग यहां सड़क हादसों के मुख्य कारण हैं। परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल जिले में 400 से अधिक सड़क दुर्घटनाएँ दर्ज की गईं, जिनमें करीब 150 लोगों की जान गई

सरकार और समाज की प्रतिक्रिया

इस दर्दनाक हादसे के बाद मुख्यमंत्री ने शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख तथा गंभीर घायलों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने अधिकारियों को घायलों के बेहतर इलाज और सड़क सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करने के निर्देश भी दिए।

सोशल मीडिया पर लोग प्रशासन से सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर सड़क सुरक्षा के लिए चलाए जाने वाले अभियानों के बावजूद ऐसे हादसे क्यों नहीं रुक रहे।

सीख और सावधानी

यह हादसा एक बार फिर याद दिलाता है कि सड़क पर एक छोटी-सी लापरवाही भी कितनी बड़ी त्रासदी में बदल सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि:

  • बस और ट्रक जैसे भारी वाहनों को स्पीड लिमिट का सख्ती से पालन करना चाहिए।
  • रात में वाहन चलाते समय हेडलाइट और सड़क की लाइटिंग का सही होना जरूरी है।
  • ड्राइवरों को थकान की स्थिति में वाहन नहीं चलाना चाहिए।

गुरैनी पेट्रोल पंप के पास हुआ यह हादसा सिर्फ पांच परिवारों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे इलाके के लिए एक गहरा सदमा है। हर सड़क हादसा न सिर्फ आंकड़ों में जुड़ता है, बल्कि पीछे छोड़ जाता है टूटे परिवार, अधूरे सपने और गहरी पीड़ा। प्रशासन की जिम्मेदारी है कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, और हमारी जिम्मेदारी है कि सड़क पर सावधानी बरतें।

🔴 घटना का वीडियो (नीचे देखें)



Post a Comment

0 Comments