भारत-पाकिस्तान सीमा पर हालिया तनाव और 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 7 मई 2025 (बुधवार) को देशभर में सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित कराने के आदेश दिए हैं। इस अभ्यास का उद्देश्य है – नागरिकों को आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए पहले से मानसिक रूप से तैयार करना।
गृह मंत्रालय के तहत नागरिक सुरक्षा विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक बी. संदीपकृष्ण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र भेजकर कहा है कि 244 सीमावर्ती और तटीय जिलों में यह मॉक ड्रिल कराई जाए।
क्या होता है मॉक ड्रिल?
यह एक तरह की अभ्यास प्रक्रिया होती है, जिसमें सायरन बजाकर नागरिकों को चेतावनी दी जाती है कि अगर किसी आपदा, युद्ध या हमले की स्थिति बने, तो उन्हें क्या करना चाहिए। यह कोई असली हमला नहीं है, सिर्फ़ एक अभ्यास है।
सायरन कब और कैसे बजेगा?
सायरन की आवाज़ 120 से 140 डेसिबल तक तेज़ होगी
यह आवाज़ 2 से 5 किलोमीटर तक सुनी जा सकेगी
आवाज़ में उतार-चढ़ाव होगा ताकि यह सामान्य हॉर्न या एंबुलेंस से अलग महसूस हो
लोग क्या करें जब सायरन बजे?
1. घबराएं नहीं, शांत रहें
2. 5-10 मिनट में किसी सुरक्षित स्थान पर चले जाएं
3. रेडियो, टीवी या सरकारी चैनलों पर अपडेट लेते रहें
4. अफवाहों से बचें, केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें
5. प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के निर्देशों का पालन करें
स्कूल और कॉलेज पर असर?
सरकारी सूचना के अनुसार, स्कूल और कॉलेज सामान्य रूप से खुले रहेंगे।
हालांकि कुछ संवेदनशील जिलों में ड्रिल के तहत छात्रों को सुरक्षा का अभ्यास कराए जाने के लिए अस्थायी छुट्टी या ब्रेक दिया जा सकता है। यह फैसला स्थानीय प्रशासन द्वारा लिया जाएगा।
सायरन कहां बजेगा?
पुलिस मुख्यालय
फायर स्टेशन
सैन्य ठिकाने
प्रशासनिक भवन
बाजार और भीड़भाड़ वाले क्षेत्र
संवेदनशील शहरी ज़ोन जैसे दिल्ली, नोएडा आदि
पिछली बार कब हुई थी ऐसी ड्रिल?
इससे पहले ऐसा व्यापक मॉक अभ्यास 1971 में हुआ था, जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था।
पुरक की खास अपील:
यह ड्रिल आपकी सुरक्षा के लिए है। कृपया इसे गंभीरता से लें, लेकिन घबराएं नहीं।
यह जागरूक भारत की निशानी है – जिसमें हर नागरिक तैयार और सतर्क है।
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